Thursday, 3 January 2013

बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून की मांग को लेकर 5 जनवरी को जंतर-मंतर पर होगा सामूहिक उपवास

दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा एक खासा चिंता का विषय बन गई है. महिलाएं घर से निकलने में घबराने लगी हैं. इसके लिए काफी हद तक हमारे देश के कानून जिम्मेदार हैं. कानून के अंदर एक तरफ तो बलात्कार, छेड़छाड़ और अन्य जुर्मों के लिए काफी कम सजा का प्रावधान है तो दूसरी तरफ जांच प्रक्रिया और दोषियों को दंडित करने में 10-15 साल तक का समय लग जाता है. इससे अपराधियों का हौसला बढ़ता है. ये बातें छात्र-युवा संघर्ष समितिद्वारा बुधवार को आयोजित एक गोष्ठी में सामने आईं. 

बलात्कार रोकने के लिए क्या हो कारगर कदम विषय पर चर्चा के लिए आईटीओ स्थित नवशक्ति सीनियर सेकेंड्री स्कूल में इस गोष्ठी का आयोजन किया गया था. छात्र-युवा संघर्ष समिति का गठन गैंगरेप की घटना से दुखी दिल्ली के युवाओं और छात्रों ने किया है जिसे आम आदमी पार्टी का पूर्ण समर्थन हासिल है.

इस सम्मेलन में गैंगरेप की घटना के बाद देशभर में हो रहे आंदोलनों की दशा और दिशा के स्वरूप पर विस्तृत चर्चा हुई. चर्चा की शुरुआत महिलाओं के विचार जानने से हुई. बहुत सी छात्राओं-महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कानून और पुलिस तंत्र में सुधार के साथ-साथ समाज की सोच में बदलाव की जरूरत बताई. महिलाओं की राय थी कि बलात्कार जैसे मुकदमों की सुनवाई में सरकारों और अदालतों को ज्यादा संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है. देशभर में सवा लाख से ज्यादा बलात्कार के मुकदमे कई-कई वर्षों से अदालतों में लंबित पड़े हैं. जब तक इन सभी मामलों को जल्द से जल्द निपटाकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा नहीं दी जाएगी, तब तक महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं होती रहेंगी.   

विचार-विमर्श के बाद छात्र-युवा संघर्ष समिति ने महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए पांच मांगे सरकार के सामने रखी हैं और पांच जरूरी बदलावों के लिए समाज को खुद को तैयार होने का आह्वान किया है.

समिति ने सरकार के समक्ष निम्नलिखित पांच मांगें रखी हैः
1 एफआईआर दर्ज करने के लिए थानों के एफआईआऱ कक्ष में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था हो.
2 फास्ट ट्रैक कोर्ट में सभी मामलों की समयबद्ध सुनवाई हो जिससे दोषियों को जल्द से जल्द दंडित किया जा सके. दंड के प्रावधानों को सख्त करते हुए सजा अवधि बढ़ाई जाए.
3 पीड़ित लड़की के लिए इंसाफ की आवाज उठाने वाले 8 निर्दोष युवकों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए फर्जी मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं
4 लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने और बार-बार झूठ बोलने वाले दिल्ली के पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार को अविलंब बर्खास्त किया जाए.
5 जिन जनप्रतिनिधियों के ऊपर महिलाओं के विरुद्ध अपराध के आरोप हैं उनकी सदस्यता तत्काल खत्म की जाए और महिलाओं के प्रति किसी भी तरह की हिंसा या दुर्व्यवहार करने वाले लोगों को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने वाले कानून बनाए जाएं.

समिति के समाज से पांच आह्वान
1 हम सभी को महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के शाब्दिक, शारीरिक अत्याचार एवं दुर्व्यवहार के विरूद्ध खड़ा होना होगा.
2 आप आगे बढ़िए, आम आदमी पार्टी के सदस्य सदैव आपके साथ खड़े होंगे.
3 हर जगह औरतों का सम्मान करें और उन्हें प्राथमिकता दें. उनकी शारीरिक क्षमता या उम्र से यह तय न करें कि उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए या नहीं
4 स्थानीय स्तर पर(जैसे ऑफिस, कॉलेज, स्कूल मोहल्ला आदि) में डिस्कशन फोरम बनाकर इस वैचारिक आंदोलन को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करें.
5 सबसे जरूरी पहल आपके घर से होनी चाहिए. अगर आपके परिवार के किसी सदस्य पर ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप हैं तो उसका पारिवारिक बहिष्कार शुरू करें.

समिति ने शनिवार 5 जनवरी 2013 को जंतर-मंतर पर सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक एक सामूहिक उपवास की घोषणा की है और दिल्ली के युवाओं व छात्रों से आह्वान किया है कि वे इसमें शामिल हों. 26 जनवरी 2013 को दोपहर 2 बजे युवा संकल्प रैली का आयोजन किया जाएगा. आम आदमी पार्टी छात्रों एवं युवाओं द्वारा की गई इस पहल को सफल बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन देगी.  

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